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सहेलादे ज़रा प्यार से |
सदियों से उसका मन हे घायल
सहेलादे ज़रा प्यार से
उससे बदल ने की मत कर जल्दी
समझ ने दे आराम से
बुलबाने की उम्मीद रखने से पहेले
ज़रा बुदबुदाने दे उसे
भले ना समझ पर सबर से सुन ले
और सहेलादे ज़रा प्यार से
थक जाए जब वो, उसे बाहों मे लेले
सुला दे लोरी कोई गुनगुनाके
वो आँखे जब खोले तू मुस्कुरादे
और सहेलादे ज़रा प्यार से
वो ज़िद्द पकड़ ले तो धीरज खो मत देना
सुलझा देना ज़रा जतन से
वो घायल ज़रूर हे, पर दिल से हे राजा
बस सहेलादे उसे प्यार से
तन से हे कमजोर और मन से हे बिखरा
रोने दे आज उसे जी भरके
रोते रोते जब घुटन हो उसे
सहेलादे उसे प्यार से
तू रो सके तो उसके साथ मे रोले
मन तेरा भी हल्का हो जाए
तू समझ सके तो, गाँठ सहज से खोले
और वो गोद मे तेरे सो जाए
तेज दौड़ ने की सलाह देने से पहेले
देख खुद दौड़ मे तू क्या खोया हे
सदियो से प्यासा, पूरा होने को आया
जागा मत, वो हाल मे ही अभी सोया हे
जिंदगी भर था वो घुटन मे जिया
घुट घुट कर कबसे चल दिया
आज उससे गहरा साँस भरने दे
जितना करना था वो बस कर लिया
आज हे नाज़ुक, कल सख्त हो जाए
बस दुआ का असर होने दे
पैर लड़खड़ाए पर कोशिश हे जारी
एक बार बस उससे चलने दे
बदल ने की उसे मत कर जल्दी
समझ ने दे आराम से
सदियों से उसका मन हे घायल
सहेलादे ज़रा प्यार से
---*---
अभिजीत ॐ
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